कौन सा विटामिन किस भोजन से मिलता है? Sources of Vitamins?

विटामिन ऐसे तत्व होते हैं जो हमारे शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक होते हैं। हमारे शरीर को स्वस्थ और एनर्जेटिक बनाये रखने में विटामिन्स की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। हमारा शरीर स्वयं इनका उत्पादन करने में सक्षम नहीं होता है। ऐसे में बाहरी स्रोतों (Sources of Vitamins) की सहायता से शरीर को इनकी आपूर्ति की जाती है। और इन स्रोतों में सबसे प्रमुख और उपयोगी माध्यम है – हमारा भोजन। हमारे भोजन में हमें किस खाद्य पदार्थ से कौन सा विटामिन मिलता है, इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे।

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विटामिन ए के स्रोत (Sources of Vitamin A)

विटामिन ‘ए’ युक्त खाद्य पदार्थ हैं – दूध, मक्खन, मलाई, केला, नारंगी, गाजर, ककड़ी, हरी साग भाजी, शकरकंद, चुकंदर, टमाटर , मक्खन, पालक, सहजन, पत्ता गोभी, सरसों का साग, ताजे फल, नींबू, मछली, बकरे की अण्डा ग्रंथी, बाजरा, हाथ का कूटा हुआ चावल, मौसमी, नाशपाती, निरामिश (मांसरहित) भोजन, बेल, शार्क लीवर ऑयल, अंडा, अंडे की जर्दी, मछली का जिगर, बकरे की कलेजी, हरा धनिया, हरा पुदीना, हरी मेथी, मूली के पत्ते, पका आम, काशीफल, भेड़ की कलेजी।

विटामिन ए की कमी से रतौंधी (रात में दिखाई ना देना) की समस्या हो जाती है।

विटामिन बी के स्रोत (Sources of Vitamin B)

विटामिन ‘बी’ कॉम्पलेक्स- यह शरीर को जीवन शक्ति देने के लिए अति आवश्यक होता है। इस विटामिन की कमी से शरीर अनेक रोगों का गढ़ बन जाता है। विटामिन बी की कमी हमारे स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह साबित होती है। कई तरह की बीमारियां हो जाती हैं, यहां तक कि मानसिक असंतुलन भी पैदा हो सकता है। विटामिन्स और मिनरल्स में विटामिन बी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

विटामिन बी के प्रकार (Types of Vitamin B)

विटामिन बी में मौजूद 9 तरह के विटामिन्स (बी1, बी2, बी3, बी5, बी6, बी7, बी8, बी9 और बी12) एक समूह की तरह व्यवहार करते हैं। ये सभी मिलकर एक साथ विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स (Vitamin B Complex) के रूप में जाने जाते हैं। विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स हमारे शरीर के लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण हैं और हमारे शारीरिक और मानसिक विकास में इनका अलग-अलग खास महत्व है। विटामिन बी पानी में घुलनशील होता है। इनका प्रमुख कार्य स्नायु तंत्र को स्वस्थ रखना तथा भोजन के पाचन में सक्रिय योगदान देना होता है। भूख को बढ़ाकर यह शरीर को जीवन देता हैं। खाया-पिया अंग लगाने में सहायता प्रदान करता है।

टमाटर, भूसी दार गेंहू का आटा, अण्डे की जर्दी, हरी पत्तियों के साग, बादाम, अखरोट, बिना पालिश किया चावल, पौधों के बीज, सुपारी, नारंगी, अंगूर, दूध, ताजे सेम, ताजे मटर, दाल, जिगर, वनस्पति शाक भाजी, आलू, मेवा, खमीर, मक्की, चना, नारियल, पिस्ता, ताजे फल, दही, पालक, बंदगोभी, मछली, अण्डे की सफेदी, माल्टा, चावल की भूसी, फलदार सब्जी

विटामिन बी-1 (थायमीन)

यह विटामिन हमारे द्वारा खाए गए खाने को पचाने में और पाचन के परिणामस्वरूप उत्पन्न ऊर्जा को रिलीज करने में मदद करता है। यह शरीर में डीएनए और आरएनए का संश्लेषण कर नर्वस सिस्टम को स्वस्थ रखता है। हमारे इम्यून सिस्टम की रक्षा करता है। थायमिन दाल, साबुत अनाज, गुड़, मूंगफली, फलों, ड्राय फ्रूट्स, गोभी, पालक, ब्रोकली, बीन्स, होलग्रेन ब्रेड, दूध, अंडे, मांस, मछली में मिलता है। विटामिन बी 1 की कमी से बेरीबेरी रोग हो जाता है। इसमें तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) में गड़बड़ी हो जाती है, और व्यक्ति तनाव में रहता है।

विटामिन बी-2 (राइबोफ्लेविन)

विटामिन बी2 जिन खाद्य पदार्थों में उपलब्ध रहता है वो इस प्रकार हैं – टमाटर, पालक, बंदगोभी, दूध, यीस्ट, लीवर, आसव अरिष्ट,मछली, खमीर, अंडे की सफेदी, चावल की भूसी, माल्टा, गाजर, फलियां। एक स्वस्थ व्यक्ति को प्रतिदिन विटामिन बी2 की 3 मिलीग्राम तक की आवश्यकता होती है। लेकिन एक रोगी को 50 मिलीग्राम प्रतिदिन विटामिन बी2 की आवश्यकता रहती है। 

विटामिन बी-3 (निकोटिनिक एसिड)

विटामिन बी-3 के स्रोत हैं – सभी अनाज, मांस, जिगर, मछली, अखरोट, गेंहू की सूजी, सलाद , मुर्गी के अंडे, छोटी मछली, दालें, शलजम, पत्तागोभी, पालक का साग, सूरजमुखी के बीजों की मींगी, तिल, बादाम, मूंगफली, पशुओं का यकृत, वक्क, मूली के पत्ते, टमाटर। एक वयस्क व्यक्ति को 20 से 50 मिलीग्राम की विटामिन बी3 मात्रा आवश्यक होती है तथा रोगी व्यक्ति को 100 मिलीग्राम प्रतिदिन की मात्रा देना अत्यन्त आवश्यक होता है।

विटामिन बी-5 (पैंटोथैनिक एसिड)

विटामिन बी-5 (पैंटोथैनिक एसिड) दाग-धब्बों से रहित स्वस्थ त्वचा के विकास में सहायक है। इस विटामिन के प्रमुख स्रोत हैं – काजू, मूंगफली व दूध। इसकी कमी से होने वाली समस्याओं में नींद न आना, उल्टी आना, अवसाद, पेट में दर्द रहना, पैरों में जलन और श्वसन नलिका में संक्रमण आदि शामिल हैं।

विटामिन बी-6 (पिरीडॉक्सिन)

यह हमारे शरीर में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से एनर्जी स्टोर करने में मदद करता है। यह लाल रक्त कोशिकाओं में मौजूद हीमोग्लोबिन को बनाने में मदद करता है ताकि शरीर में ऑक्सीजन का संचालन आसानी से हो सके। इसकी कमी से होने वाले रोगों के तहत व्यक्ति में मानसिक तनाव, अवसाद, चिड़चिड़ापन रहता है।

विटामिन बी-7 (बायोटिन)

नाखून, बाल और त्वचा के स्वास्थ्य में मदद करने के कारण इसे सौंदर्य विटामिन के रूप में भी जाना जाता है। इसके अलावा यह विटामिन रक्त में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करके डायबिटीज रोगियों के लिए मददगार होता है।यह पनीर, जौ, आलू, अंडे आदि में पाया जाता है। इस विटामिन की कमी से त्वचा संबंधी रोग हो जाते हैं, जिसमें त्वचा में जलन, इचिंग और चुभन होती है। डायबिटीज क्यों होती है, इससे कैसे बचें और कैसे करें कंट्रोल? जानने के लिए यह लेख पढ़ें।

विटामिन बी-9 (फोलिक एसिड)

यह डीएनए संश्लेषण, विटामिन बी-12 के साथ मिलकर लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण और एमिनो एसिड के चयापचय के लिए आवश्यक है। यह गर्भ में पल रहे बच्चे की रीढ़ की हड्डी और नर्वस सिस्टम के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। पालक, मटर, चना, चुकंदर, खजूर आदि इसके अच्छे स्रोत हैं। इसकी कमी से एनीमिया हो जाता है। इससे छोटे बच्चों में न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर की समस्या हो जाती है।

विटामिन बी-12 (साइनोकोबालेमीन)

शरीर में विटामिन बी-12 का उचित स्तर तंत्रिका तंत्र के सुचारु रूप से कार्य करने के लिए बहुत जरूरी है। साथ ही ये तनाव और अवसाद से निपटने में भी मदद करता है। दूध और अन्य डेयरी उत्पादों से यह विटामिन मिलता है।

विटामिन सी के स्रोत (Sources of Vitamin C)

सभी खट्टे पदार्थ विटामिन सी के प्रमुख स्रोत होते हैं। जैसे – नींबू, संतरा, मौसमी, कीवी, इमली आदि। विटामिन सी हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी कमी से स्कर्वी रोग होता है।

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विटामिन डी के स्रोत (Sources of Vitamin D)

जिन रोगियों को विटामिन डी की कमी होती है उनकी औषधियों से चिकित्सा करने के साथ-साथ इन खाद्यों का प्रयोग भी करना चाहिए। विटामिन ‘डी’ प्रायः उन सभी खाद्यों में होता है। जिनमें विटामिन ‘ए’ पर्याप्त मात्रा में मौजूद रहता है। ताजी साग, सरसों का साग, हरा पुदीना, हरा धनिया, गाजर, चुकंदर, शलजम, टमाटर, नारंगी, नींबू, मालटा, मूली, मूली के पत्ते, काड लिवर ऑयल, हली बुटलिवर ऑयल, सलाद, चोकरसहित गेंहू की रोटी, सूर्य की किरणें, नारियल, मक्खन, घी, दूध, केला, पपीता, निरामिश भोजन, मछली का तेल, शार्क लीवर ऑयल, अंडे की जर्दी, बकरे की अंडग्रंथियां आदि विटामिन डी के प्रमुख स्रोत हैं।

विटामिन K के स्रोत (Sources of Vitamin K)

विटामिन ‘के’ के प्रमुख स्रोत हैं – पालक, मूली, गाजर, बंदगोभी, फूलगोभी, गेंहू, जौ, सोयाबीन का तेल, दूध, अंडे की जर्दी, हरे पत्ते का शाक, अंकुरित अनाज, टमाटर, नींबू, चावल के छिलके, पशुओं के जिगर, घी, ताजे पैदा हुए हरे जौ, संतरा, रसदार फल

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