आप यदि बार-बार मौसमी बीमारियों जैसे सर्दी, खांसी, जुकाम आदि की चपेट में आते हैं तो इसका मतलब यह है कि आपका शरीर हानिकारक जीवाणुओं से लड़ने में सक्षम नहीं है। इसे हम यूं भी कह सकते हैं कि आपकी इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग नहीं है। ऐसे में जब भी मौसम में थोडा-बहुत भी परिवर्तन होता है तो आप हॉस्पिटल के चक्कर काटते हैं और तरह – तरह की दवाइयां खाते है। ऐसा करने से आपको कुछ समय के लिए राहत जरूर मिल जाती है, लेकिन लम्बे समय में आप के शरीर को नुक्सान ही उठाना पड़ता है। और आप अन्य कई तरह की बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि आप समय रहते अपने शरीर और अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता पर ध्यान दें। अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए यहाँ बताई गयी बातों (Tips to boost Immunity) को अपनाएं –

प्रोबायोटिक फूड (Probiotic Food) का सेवन करें :
बहुत से ऐसे खाद्य पदार्थहोते हैं, जो शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता या इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक होते हैं। इनका सबसे अच्छा उदहारण दही है, जिसमें हमारे लिए अच्छे माने जाने वाले प्रोबायोटिक बैक्टीरिया पाए जाते है। ये बैक्टीरिया पाचन तंत्र के लिए तो अच्छे होते ही हैं, साथ ही कई तरह के रोगों से भी शरीर की रक्षा करते हैं।
प्रोटीन डायट (Protein Diet) लें :
यदि आप आए दिन बीमार पड़ते रहते हैं तो यह बहुत जरूरी है कि आहार में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाई जाए। प्रोटीन को शरीर के लिए सबसे ज़रूरी पोषक तत्व माना जाता है। इससे मांसपेशियों और शरीर की रोग प्रतिरोध क्षमता में वृद्धि होती है। प्रोटीन के लिए सोयाबीन सबसे अच्छा स्रोत है। इसके अलावा सोया मिल्क, टोफू, पनीर जैसे खाद्य पदार्थों का भी सेवन किया जा सकता है।
हरी सब्जियों का सेवन करें :
भोजन में हरी सब्जियों को शामिल करने से अच्छी मात्रा में फाइबर और प्रोटीन मिलता है। इसके अलावा मशरूम सबसे अच्छा फूड है जो श्वेत रक्त कणिकाओं की संख्या में वृद्धि कर रोग-प्रतिरोधक तंत्र को मजबूत बनाता है। श्वेत रक्त कणिकाएं (White blood cells) हमारे शरीर के इम्यूनिटी सिस्टम का सबसे महत्वपूर्ण अंग होती हैं। ये रोग पैदा करने वाले बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने में हमारे शरीर की मदद करती हैं। इसलिए मौसमी सब्जियों का सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है।
तनाव मुक्त रहें :
जब हम तनाव में रहते हैं तो कॉर्टिसोल (Cortisol) और एड्रेनलिन (Adrenaline) हार्मोंस का स्राव होता है। हालांकि बहुत थोड़ी देर के लिए इनका स्राव मसल्स की क्रियाशीलता बढ़ाने के लिए अच्छा माना जाता है, लेकिन अक्सर तनाव में रहने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ता है। अवसाद से ग्रसित लोगों में इम्यून सिस्टम स्ट्रॉन्ग नहीं रहता, जिससे शरीर में हार्मोंस का असंतुलन पैदा हो जाता है। ये स्थिति हमें और अधिक बीमारियों की ओर ले जाती है। इसलिए तनाव से बचें और खुश रहने का प्रयास करें। छोटी – छोटी बातों की चिंता में अपने जीवन का कीमती समय ना गंवाएं।
एंटीऑक्सीडेंट्स (Antioxidants) हैं जरूरी :
शरीर में लगातार चलने वाली चयापचय (Metabolism) की क्रियाओं के परिणामस्वरूप फ्री रेडिकल्स (Free Redicals) बॉडी में पैदा होते हैं जो हमें वृद्धावस्था (Ageing) की ओर ढकेलते हैं। हमारे शरीर को फ्री रेडिकल्स के हानिकारक प्रभावों से बचाने के लिए एंटीऑक्सीडेंट्स (Antioxidants) बहुत जरूरी हैं। इसलिए ऐसी चीजें अपने आहार में शामिल करें जो हमारे शरीर को एंटीऑक्सीडेंट्स प्रदान करती हैं। इसके लिए अनार का जूस पीना फायदेमंद है। दालचीनी भी शरीर को स्वस्थ रखती है।
रोजाना व्यायाम करें :
प्रतिदिन या सप्ताह में कम से कम पांच दिन व्यायाम करने की आदत जरूर डालें। यदि आप नियमित एक्सरसाइज नही कर पाते हैं तो रोजाना थोडी देर वॉक करने की आदत से भी कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है। एक्टिव लाइफ स्टाइल से शरीर में एंटीबॉडीज के स्तर में वृद्धि होती है और शरीर में श्वेत रक्त कणिकाओं की गतिशीलता को भी बढ़ाया जा सकता है। इससे इम्यून सिस्टम स्ट्रॉन्ग होता है।
विटामिन डी लें :
इम्यूनिटी सिस्टम को स्ट्रॉन्ग करने के लिए विटामिन डी (Vitamin D) भी बहुत जरूरी है। इसके लिए सबसे अच्छा स्रोत है-सूर्य की रोशनी। इसके सेवन से शरीर से हानिकारक पदार्थ बाहर निकल जाते है। इससे शरीर को गर्मी मिलती है और साइनस ठीक हो जाता है। विटामिन डी की कमी से हाथ-पैरों में सूजन आने की समस्या भी बढ़ जाती है।
Disclaimer : इस वेबसाइट पर उपलब्ध सभी लेख और जानकारी केवल शैक्षणिक उद्देश्य के लिए हैं। इनका उपयोग किसी भी स्वास्थ्य समस्या या बीमारी के उपचार हेतु बिना विशेषज्ञ सलाह के नहीं किया जाना चाहिये। चिकित्सकीय परीक्षण और उपचार हेतु सदैव एक योग्य चिकित्सक से परामर्श करना चाहिये।