फैटी लीवर (Fatty Liver) के लिए सफल आयुर्वेदिक रामबाण नुस्खा

क्या आपके आसपास कोई ऐसा है –

जिसे अक्सर खाने के बाद शौच के लिए जाना पड़ता है?
कब्ज है, यानी कई बार में पेट साफ होता है?
पालक, सोया मेथी जैसे शाक पात खाये बिना भी मल का रंग काला रहता है?
गैस बनी रहती है? पेट फूला रहता है?
भूख कम लगती है?
कुछ भी हल्का सा खाने के बाद और गैस बन जाती है, उल्टी करने का मन होता है?
दाहिनी पसली की तरफ मीठा मीठा दर्द या भारीपन मालूम होता है?

यदि, हाँ ..
तो ये लिवर की क्रियाशीलता धीमी होने के लक्षण हैं।

ayurvedic remedy for fatty liver

फ़ास्ट फूड, मैदा, रिफाइंड ऑयल, शराब का अत्यधिक प्रयोग और आलस की वजह से लिवर फैटी (Fatty Liver) हो गया है। याद रखिये लिवर फैट को आपातकालिक परिस्थितियों के लिए स्टोरेज रखता है। व्रत उपवास, भूख हड़ताल में शरीर को लिवर की इसी जमा वसा से ताकत मिलती है। जब अधिकता हो जाती है तब लिवर के ऊपर चर्बी जमा होने लगती है। ये भी जान लीजिए, लिवर (जिगर, यकृत) शरीर की सबसे बड़ी ग्रन्थि है। इसमें रिजनरेशन अर्थात खुद को ठीक कर लेने की शक्ति होती है। बस, खराब होने की दशा में इसको आराम दे दिया जाए। 45 दिन के नियम संयम और सुपाच्य भोजन से इसकी सर्विसिंग हो जाती है।

जाँचने के लिए खून से LFT टेस्ट (Liver Function Test) करवा सकते हैं। यदि एंजाइम बढ़े हुए हैं तो चेत जाइये। SGPT, SGOT के साथ साथ यदि GGT बढ़ा हुआ है तो तुरन्त गैस्ट्रोलॉजिस्ट की सलाह लीजिये। अल्ट्रासाउंड और फाईब्रोस्कैन से असली स्थिति क्लियर हो जाएगी।
लिवर की बीमारी की अभी भी एलोपैथी में कोई विशेष दवा नही है। एक आयुर्वेदिक नुस्खा दे रहा हूँ। एक महीने परहेज और इसके सेवन से LFT की रिपोर्ट नार्मल आ जायेगी। विश्वास कीजिये। आजमाया हुआ है। नोट कर लीजिए।

पुनर्नवा 200 gm,
भूमि आंवला 150 gm,
मकोय 100 gm,
कुटकी 100 gm,
कालमेघ 100 gm,
भृङ्गराज 100 gm

ये सब जड़ी बूटी आसानी से किसी भी पंसारी की दुकान में मिल जाएंगी। सबको कूट पीस कर काढ़ा बनाएं। 1 चम्मच 1 गिलास पानी में उबाल कर जब चौथाई बचे तब सुबह शाम खाली पेट लेना है। इसके बाद आधे घण्टे तक कुछ नही खाना। इस नुस्खे से आपको 45 दिन में चमत्कारिक लाभ दिखाई देंगे।

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